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Rudraksha - चमत्कारी शक्तियों से युक्त होता है रुद्राक्ष, जानिए रुद्राक्ष के विषय में रहस्मयी व गूढ़ जानकारी


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संकलन : नीतू पाण्डेय तिथि : 14-12-2020

एकमुखी रुद्राक्ष - साक्षात शिव स्वरूप- ग्रह सूर्य - पापों का नाश, भय तथा चिंता से मुक्ति दिलाने वाला, इस रुद्राक्ष के धारणकर्ता को लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

दोमुखी रुद्राक्ष -  साक्षात गौरी/अर्द्धनारीश्वर का स्वरूप- ग्रह चन्द्रमा- इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक की वशीकरण की शक्ति, एकाग्रता व शांति प्राप्ति होती है। इसके साथ-साथ जन्म-जन्मांतर के पाप कटते हैं।

तीन मुखी रुद्राक्ष - साक्षात रुद्रदेव का स्वरूप- ग्रह मंगल है - धारणकर्ता के आत्मविश्वास में वृद्धि, ज्ञान प्राप्ति, वास्तु दोष में लाभ एवं सृजन शक्ति को उन्नत करने में सहायक होता है।

चारमुखी रुद्राक्ष - साक्षात ब्रह्मा का स्वरूप - ग्रह बुध- धारणकर्ता को सम्मोहन की शक्ति मिलती है एवं दोषपूर्ण विचार नष्ट होते हैं।

पंचमुखी रुद्राक्ष - साक्षात गणेश का स्वरूप- ग्रह बृहस्पति- धारणकर्ता को कीर्ति, वैभव तथा संपन्नता में वृद्धि मिलती है एवं दारिद्रय नष्ट होता है।

छहमुखी रुद्राक्ष - साक्षात कार्तिकेय का स्वरूप- ग्रह देवता शुक्र हैं- धारणकर्ता का पौरुष एवं तेज बढ़ता है तथा सभी कर्मों में सिद्धि की संभावना में भी वृद्धि होती है।

सातमुखी रुद्राक्ष - साक्षात सप्त ऋषि का स्वरूप- अनंग देवता- ग्रह शनि- धारणकर्ता को यान्त्रिकी दक्षता प्राप्त होती है एवं कार्य कुशलता में उत्तरोत्तर वृद्धि मिलती है तथा सप्त नाग दोष से मुक्ति भी मिलती हैं।

आठमुखी रुद्राक्ष - साक्षात अष्टमातृका का स्वरूप- अष्ट बसुगणेश- ग्रह राहु- धारणकर्ता को पराशक्तियों से मुक्ति एवं किसी भी प्रकार का भय या संताप दूर होता है। साथ ही काली शक्तियाँ निकट नहीं आती है।

नौमुखी रुद्राक्ष -साक्षात भैरव तथा नौ दुर्गा का स्वरूप- ग्रह केतु- धारणकर्ता की प्रजनन शक्ति बढ़ती है एवं संतान दोष, संक्रामकता का प्रभावी निराकरण है। 

दसमुखी रुद्राक्ष - साक्षात भगवान विष्णु, दशों दिक्पाल का स्वरूप- सभी ग्रह देव- धारणकर्ता के ऊर्जा नियंत्रण का मुख्य स्रोत है। नवग्रहों की शांति एक साथ संभव है एवं महाविद्या शक्ति प्राप्त होती है।

ग्यारहमुखी रुद्राक्ष - साक्षात सभी 11 रुद्र देवता का स्वरूप- सभी देव व ग्रह-धारणकर्ता के लिये यह रुद्राक्ष दसमुखी रुद्राक्ष के समान ही उपयोगी है,परंतु इससे लडऩे की शक्ति भी आती है। विपत्ति के समय यह रामबाण सिद्ध होता है।

बारहमुखी रुद्राक्ष - साक्षात शिव व ब्रह्मा संयुक्त स्वरूप- ग्रह सूर्य- धारणकर्ता को तेजस्वी तथा ऐश्वर्यशाली बनाता है। राजसत्ता स्थापित कराने में अद्वितीय भूमिका निभा सकता है।

तेरहमुखी रुद्राक्ष - साक्षात कामदेव का स्वरूप- सभी ग्रह हैं- धारणकर्ता को आकर्षण, वशीकरण, सुन्दरता तथा समृद्धि दिलाने में सहायक है एवं रचनात्मक क्षमता को ऊध्र्व तक पहुँचाने की क्षमता प्रदान करता है।

चौदहमुखी रुद्राक्ष - साक्षात देवता श्रीकंठ, हनुमान जी का स्वरूप- ग्रह मंगल एवं शनि संयुक्त- धारणकर्ता को विष निवारण, तंत्र-मंत्र, टोना-टोटका, भूत-प्रेत, पिशाच-डाकिनी आदि से रक्षा कराते हुए आगे का मार्ग निष्कंटक बनाता जाता है।

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