संकलन : वीनस दीक्षित तिथि : 18-01-2021
भारत में यूं तो सब्जियों की भरमार है, जिसमे कोई कमी नहीं है, बारह मासी सब्जियों के साथ साथ प्रत्येक ऋतु के हिसाब से भी सब्जियाँ मिल जाती है, ऐसे ही शिशिर ऋतु मे बहुतायत मात्रा मे फूलगोभी लगभग सभी के घरो मे पकती है, कुछ लोग गोभी का आचार, सब्जी और नाना प्रकार के व्यंजन भी खाते है। फूलगोभी के समान ही सब्जियों में एक सब्जी ब्रोकली भी है, जो दिखने में पूर्णतया फूलगोभी ही लगता है, परंतु रंग से पहचान परिवर्तित हो जाती है। फूलगोभी की एक प्रजाति ब्रोकली भी है, किन्तु दिखता तो हरे रंग का फूलगोभी ही है, परन्तु स्वाद में फूलगोभी से बिलकुल भिन्न होती है। ब्रोकली एक हरी सब्जी तो है परन्तु बैंगनी और सफेद रंगों में भी ब्रोकली पायी जाती है। यह सब्जी फूलगोभी प्रजाति की होती है।
ब्रोकली मुख्यत: इटली का पौधा है लेकिन सम्पूर्ण विश्व में इसका प्रयोग यूरोपीय भोजन, सूप, सब्जी, पिज्जा, बर्गर तथा सलाद बनाने में किया जाता है। इसको कच्चा और उबाल कर दोनों ही तरह से सेवन किया जा सकता है। ब्रोकली का वैज्ञानिक नाम ब्रैसिका ओलेरासिया वार. इटैलिका (Brassica oleracea var. italica) है। इसके सेवन से शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है। जिसे हम खाने के लिए उपयोग करते हैं। ब्रोकली विटामिन, खनिज और प्रतिउपचायक (एंटीऑक्सिडेंट) का एक समृद्ध स्रोत है।
ब्रोकली को कच्चा सब्जी, सूप, पास्ता बनाकर, कुछ देर भाप में पकाकर सेवन करने से सही लाभ लिया जा सकता है। ब्रोकली को प्राकृतिक रूप में अधिक मात्रा में खाने से पेट की समस्या जैसे गैस और अपच हो सकती है, परन्तु इसको अधिक उबालने से इसमें कैंसर रोधी गुण कम हो जाते है इसलिए इसको कम उबाल कर अथवा कच्चा ही सेवन करना चाहिए।
ब्रोकली के औषधीय गुण-
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