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एक घास जिसमें नीबू का मज़ा, पर है शरीर की दवा


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संकलन : वीनस दीक्षित तिथि : 20-02-2021

भारत में वनस्पतियों और औषधियों का अकूत भण्डार भरा हुआ है। अनादि काल से सनातनी संस्कृति में हर वनस्पति और औषधि का उपयोग चिकित्सा व अन्य उपायों के लिये किया जा रहा है - चाहे हवन हो, स्वास्थ्य हो, सौन्दर्य हो, चिकित्सा हो अथवा खान-पान हो, सभी जगहों पर वनस्पतियों और औषधियों का उपयोग किया जाता रहा है। पेड़ पौधों से बनी जड़ी बूटी कई घातक बीमारियों के लिए रामबाण साबित हुई है। रामायण काल में संजीवनी बूटी भी इसी तरह कई जड़ी बूटी में से एक थी, जिससे लक्ष्मण जी को शक्ति बाण लगने के बाद मृत्यु शैय्या से उपचार कर स्वस्थ किया जाना सम्भव हुआ था। ऐसी ही कई घातक से घातक बीमारियों को खत्म करने में जड़ी बूटी कारगर है ।
ऐसी ही जड़ी बूटी में नींबू घास (लेमन ग्रास) एक औषधीय पौधा है, जो विशेषकर दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाया जाता है। यह दिखने में लम्बी घास जैसा ही दिखता है, जिसकी लंबाई आम घास से ज्यादा होती है और इसकी सुगंध नींबू जैसी होती है। इसका ज्यादातर उपयोग चाय में अदरक की तरह किया जाता है। नींबू की तरह लेमन ग्रास में जबरदस्त औषधीय गुण होते है। नींबू घास (लेमन ग्रास) मुख्य रूप से उत्तर भारत में उगाई जाती है। नींबू घास (लेमन ग्रास) चायना ग्रास, मालाबार घास अथवा कोचीन घास के नाम से भी जाना जाता हैं। इसका वैज्ञानिक नाम सिम्बेपोगोन फ्लक्सुओसस है, जो सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। इसमें विटामिन-ए और सी, फोलेट, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और मैंगनीज़ जैसे तत्व होते हैं। एक कच्चे लेमनग्रास में 25 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 1 ग्राम प्रोटीन, 723-एमजी पोटेशियम, 101-एमजी फास्फोरस होता है। यह एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीडिप्रेसेंट, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लामेंटरी और एंटीसेप्टकि गुणों से भरपूर होता है। नींबू घास (लेमन ग्रास) कई तरह की स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं से बचाव की अचूक औषधि सिद्ध होती हैं।

लेमनग्रास के लाभ :-
1. नींबू घास (लेमन ग्रास) से शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने वाले दर्द से आराम मिल जाता है। विशेषकर सिरदर्द और जोड़ों के दर्द में अचूक लाभकारी हो जाता है।
2. नींबू घास (लेमन ग्रास) पेट से संबंधित समस्याएं जैसे पेट दर्द गैस, पेट फूलना, कब्ज, अपच और उल्टी का आना जैसी समस्याओं की यह असरकार औषधि है। इसके अतिरिक्त इसमें पेट मे मरोड़ या ऐंठन को समाप्त करने की तासीर भी है। ।
3. नींबू घास (लेमन ग्रास) में पायी जाने वाली लौह तत्व की भरपूर मात्रा, रक्त की कमी वाले (एनीमिया) रोगियों का उत्कृष्ठ उपचार है। नींबू घास के नियमित सेवन से शरीर की लौह तत्व की कमी पूर्ण की जा जा सकती है।
4. नींबू घास से मानसिक शक्ति सुदृढ़ होती है और मानसिक रोगों से जुड़ी कई समस्याओं की औषधि मानी गयी है।
5. शरीर के आंतरिक भागों की सफाई में मदद करता है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में भी लेमनग्रास बेहद मददगार है।

लेमनग्रास से हानि: -
किसी भी औषधिय तत्व का अतिरिक्त अथवा आवश्यकता से ज्यादा सेवन हानिकारक भी होता है। ऐसा लेमन ग्रास के साथ भी है। विशेष तौर पर महिला के मासिक चक्र और गर्भधारक स्त्री के लिए हानिकर साबित हो सकता है। इसीलिए महिलाओं को अपनी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इसका सेवन करना चाहिए।

1. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से गर्भपात की संभावना बढ़ती है।
2. अत्यधिक लेमनग्रास के सेवन से मासिक धर्म शुरू होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
3. संक्रामक प्रवृत्ति के रोगियो में लेमनग्रास लेने से एलर्जी होती है जैसे सीने में दर्द, गले में सूजन, स्किन पर खुजली।
4. उच्च रक्त चाप वाले रोगियों को भी इसका अतिरिक्त इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
5. लीवर और किडनी के रोगियों को चिकित्सक की सलाह से लेमनग्रास का प्रयोग करना चाहिए।

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