संकलन : नीतू पाण्डेय तिथि : 24-06-2024
सनातन संस्कृति में सप्ताह के सात दिन को अलग-अलग देवी-देवताओं के प्रतीक के रूप में विभाजित किया गया है।
सोमवार : सोमवार का दिन भगवान शंकर का दिन माना जाता है तथा इस वार का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। चंद्रमा मन का कारक ग्रह माना गया है। मन को काबू में रखकर मस्तिष्क को शीतल और शांत बनाए रखने के लिए आप सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इस दिन विभूति या भस्म भी लगा सकते हैं।
मंगलवार : मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना गया है। इस दिन का स्वामी ग्रह मंगल है। मंगल लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला हुआ सिंदूर हुनमान को चढ़ाकर खुद को तिलक करने से ऊर्जा एवं कार्यक्षमता में विकास होता है। इससे मन की उदासी और निराशा भी दूर हो जाती है और दिन शुभ बनता है।
बुधवार : बुधवार को जहां मां दुर्गा का दिन माना गया है वहीं यह भगवान गणेश का दिन भी माना जाता है। इस दिन का ग्रह स्वामी है बुध ग्रह। इस दिन सूखे सिंदूर (जिसमें कोई तेल न मिला हो) का तिलक लगाना चाहिए। इस तिलक से बौद्धिक क्षमता तेज होती है और दिन शुभ रहता है।
गुरुवार : गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। बृहस्पति ऋषि देवताओं के गुरु हैं। इस दिन के खास देवता हैं ब्रह्मा और बृहस्पति देव। इस दिन का स्वामी ग्रह है बृहस्पति ग्रह। गुरु को पीला या सफेद मिश्रित पीला रंग प्रिय है। गुरु बृहस्पति को हल्दी का तिलक अत्यधिक पसंद है और सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए। गोरोचन का तिलक भी लगा सकते हैं। अष्टगंध का तिलक कर सकते हैं। इससे मन में पवित्र और सकारात्मक विचार तथा अच्छे भावों का उद्भव होता है। जिससे दिन भी शुभ रहेगा और आर्थिक परेशानी का हल भी निकलेगा।
शुक्रवार : शुक्रवार का दिन भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी जी का माना गया है। इस दिन का ग्रह स्वामी शुक्र ग्रह है। हालांकि इस ग्रह को दैत्यराज भी कहा जाता है। क्योंकि दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य थे। इस दिन लाल चंदन लगाने से जहां तनाव दूर रहता है वहीं इससे भौतिक सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि होती है। पीला और सफेद चंदन व सिंदूर भी लगा सकते हैं।
शनिवार : शनिवार को भैरव, शनि और यमराज का दिन माना जाता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है शनि ग्रह। शनिवार के दिन विभूति, भस्म या लाल चंदन लगाना चाहिए। जिससे भैरव महाराज प्रसन्न रहते हैं और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने देते तथा दिन शुभ रहता है।
रविवार : रविवार का दिन भगवान विष्णु और सूर्य का दिन माना जाता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है सूर्य ग्रह। जो ग्रहों के राजा हैं। इस दिन रोली या लाल चंदन या हरि चंदन का तिलक करना चाहिए। भगवान विष्णु की कृपा रहने से जहां मान-सम्मान बढ़ता है वहीं निर्भयता आती है।
तिलक लगाने का मंत्र !!
केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।
रसायन शास्त्र का सार्वभौमिक, शाश्वत एवं सामाजिक अवधारणा विवाह-पति-पत्नी की मैत्री की साझेदारी जीवन चक्र के अनंत गूढ़ रसायन शास्त्र का सर्वभौमिक, दिव्य, शाश्वत एवं सामाजिक अवधारणा का मूल विवाह है, जिसमें नर-नारी की अनेक अभिलाषाएं ...
हरिद्रालेपनम या हल्दी पूजा प्रथा सामंजस्यता, पवित्रता, उर्वरता और समृद्धि का विधान है। परिणय सूत्र मे बांधने से पूर्व वर-वधू को परंपरागत विधि विधान अथवा लोक रीति-अनुसार हल्दी, सरसो तैल, और दूर्वा को सम्मिलित कर मंत्रोचरण ...
निरोगिता और सुन्दर काया माया रुपी लक्ष्मी जी का प्रत्यक्ष वरदान है अर्थात उन्नत-माया, निरोगी काया पुराणोक्त विधि-विधान के साथ अष्ट सिद्धिधियों की देवी माँ लक्ष्मी की आराधना करने से धन- धान्य और प्रसन्नता की देवी से ...