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New Year - नूतन वर्ष की बाधाओ से मुक्ति का मार्ग, तीन ग्रह स्वामिओ की प्रसन्नता से निकलता है।


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संकलन : अनुजा शुक्ला तिथि : 04-01-2022

काल चक्र कभी किसी के लिए नहीं रुकता, यही यथार्थ सत्य है और देखते-देखते साल 2021 भी बीत चुका, जो अपने पीछे कुछ कड़वी, तो कुछ मीठी स्मृतियाँ भी छोड़ गया है। अब सभी जगतवासी नूतन वर्ष अर्थात वर्ष 2022 में प्रवेश कर चुके हैं। नूतन वर्ष का प्रथम माह भी लगभग आधा व्यतीत होने को है। अगर वार्ता ज्योतिष विज्ञान के दृष्टिकोण से की जाए, तो यह वर्ष अति विशिष्ट है। ज्योतिष ज्ञाताओ के अनुसार इस वर्ष नक्षत्रो-तारो की गति विशेष है इससे अधिकाधिक लाभ भी प्राप्त हो सकता है। यद्यपि आप भी उन लोगों में सम्मिलित हो जाए। इस वर्ष ग्रहों की सधी हुई चाल का लाभ लेना चाहते हैं तो ज्योतिष विद्या के दृष्टिकोण से आपको कुछ युक्तियाँ करनी होंगी, ये ठीक वैसा ही है कि जैसा कि हम सभी प्रतिदिन किसी न किसी देवी-देवता का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्ति का उपाय करते हैं। इसी प्रकार ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को प्रसन्न करने के उपाय होते हैं। वर्ष के प्रथम माह अर्थात जनवरी में सूर्य, मंगल और बुध की राशियों में परिवर्तन होने जा रहा है। इसके अतिरिक्त शनि देव भी 30 वर्ष के पश्चात गोचर करने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। नूतन वर्ष में इन तीनों ग्रहों को प्रसन्न करने से जीवन में प्रसन्नता आ सकती हैं। तो जानते हैं नूतन वर्ष में सूर्य, चंद्रमा और मंगल को कैसे करें प्रसन्न, जिससे जीवन समृद्धि से पूर्ण हो जाए....

सूर्य ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में सूर्य ग्रह का महत्व बहुत ही विशेष होता है। सूर्य अच्छा हो तो जीवन में यश, नौकरी, धन सब कुछ मिलता हैं। वहीं दूसरी ओर यदि कुंडली में सूर्य क्षीण हो तो जातक दुखी रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को मजबूत करने के लिए हमेशा सुबह उठकर स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। या फिर उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं इसके अलावा आप सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें।
चंद्रमा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मन की अशांति को दूर करने के लिए चन्द्र ग्रह का सही होना आवश्यक है। यदि आप मानसिक परेशानी से ग्रसित हैं या अधिक क्रोधित होते हैं तो कुंडली में चंद्र ग्रह सही नहीं है। इससे व्यक्ति को अवसाद, विचारो मे तीक्ष्णता, कुछ भी सही न करने जैसी समस्याओं से साक्षात्कार करना पड़ता है। इसका उपाय यह है कि चांदी का छल्ला धारण करें। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। और हर मंगलवार को हनुमान जी की पूजा विधि विधान से करें।
मंगल ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल क्षीण होने से साहस और आत्मविश्वास में कमी होती है। मंगल के कमजोर होने से किए जा रहे कार्य बिगड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में मंगल को मजबूत करने के लिए मंगलवार के दिन संकटमोचन हनुमान की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करें। प्रत्येक मंगलवार को उन्हें सिंदूर एवं चमेली का तेल चढ़ाएं। इससे मंगल बली होता है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

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