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Pooja Path गोपाल सहस्त्र नाम


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संकलन : नीतू पाण्डेय तिथि : 18-06-2024

प्रकृतिक जीवचक्र व उर्वरा में सात्विक और सकारात्मक वृद्धि का पर्यावरण व प्रकृति सेवा का एक नाम - गोपाल नाम!

अधिकांश ऋषि मुनियों द्वारा कृष्ण की स्तुति गोपाल नाम से की जाती है, क्योकि एक गौ पालक केवल गौ का हितैषी नहीं होता है, वरन आसपास के वातावरण व अन्य जीव जंतुओं का भी रक्षक व पालक बनता है। गौ पालक केवल एक पशु का भरण पोषण ही नहीं, अपितु प्रकृतिक जीवचक्र व उर्वरा में सात्विक और सकारात्मक वृद्धि भी प्रदान करता है, जिसका सर्वव्यापी लाभ पर्यावरण और प्रकृति की सीधी सेवा के रूप में मिलता है। श्रीकृष्ण की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए उनके विभिन्न सोलह कलाओं से पूर्ण लीलाओं, गुणधर्मों की प्रशंसा और महिमा के वर्णन अनुसार अत्यंत अद्भुत, पवित्र और धार्मिक सहस्त्र नामों का श्लोकबद्ध रूप में संगृहीत एक हजार नाम का पाठ ही गोपाल सहस्रनाम है।

गोपाल सहस्त्र नाम के पाठ से भयावह असाध्य रोगों, संतान बाधा, कर्ज, अवसाद, जेल के बंधन आदि में अदृश्य और अद्भुत परिणाम मिलता है !

वैदिक शास्त्रानुसार सिद्ध मंत्र उच्चारण, घंटो देवी देवताओं के पूजन पाठ से जो लाभ मिलते है, उतना परिणाम कभी भी गोपाल सहस्त्र नाम का पाठ मात्र को करके लिया जा सकता है। श्रीकृष्ण के सहस्त्रों नामो के पाठ को ही गोपाल सहस्त्र कहा जाता है, लोक मान्यतानुसार श्रीकृष्ण के गोपाल नाम उच्चारण से चमत्कारी व अद्भुत, अद्वितीय शुभ फल मिलता है। एकमात्र गोपाल सहस्त्र नाम का पाठ से भयावह असाध्य रोगों, संतान बाधा, अल्प संतान दोष, हर प्रकार की चिंता, कर्ज, अवसाद, जेल के बंधन और धन धान्य आदि की समस्या में अदृश्य और अद्भुत परिणाम मिलता है और नवागत पीढ़ी को आध्यात्मिक उन्नति, मन की शांति, बल-बुद्धि, सत्संस्कार व उन्नति का वरदान भी मिलता है। भगवान से निकटता प्राप्त करने में सहायक और त्रय-ऋण से भी मुक्ति का मार्ग है, जिसकी ख्याति सर्वत्र व्याप्त है।

भगवान से निकटता प्राप्त करने में सहायक और त्रय-ऋण से भी मुक्ति का मार्ग है गोपाल सहस्त्र नाम का पाठ की शास्त्रोक्त विधि व नियम !

शिवलिंग की हजारों प्रतिष्ठा करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, उतना पुण्य केवल इस सहस्र नाम स्तोत्र का पाठ करने से साधक को प्राप्त कर सकता है। इनके एक हजार नामों से संबंधित पाठ करने से मनुष्य को अद्भुत फलों की प्राप्ति का वर्णन इस स्तोत्र में मिलता है। इस पृथ्वी पर प्राणी के पापों से प्रायश्चित करने का सर्वाधिक प्रभावी उपचार केवल एकमात्र माना जाता है। पाठ के माध्यम से भगवान की महिमा का गुणगान करने से भक्तों का मन शुद्ध होता है। पूजक सर्वतोभद्र मंडल, षोडशमात्रिका मंडल तथा सर्वभौमिक ऊर्जा के देवी देवताओ का मंत्रोच्चारण से विधिनुसार आवाहन कराकर उनकी इच्छानुसार संख्यात्मक गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ सम्पन्न कराकर हवन, आरती, दान आदि कृत्य पूर्ण करता हैं।

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