संकलन : अनुजा शुक्ला तिथि : 06-01-2022
पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानि विनायक चतुर्थी यह वरद गणेश चतुर्थी है। इस दिन जो लोग व्रत रखते हैं और भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। चतुर्थी के दिन गणेश जी के विशेष मंत्रों का जाप करने से नौकरी और व्यापार में उन्नति के साथ-साथ सभी समस्याओं का अंत होता है। गणेश जी की कृपा से सर्वत्र शुभता और भाग्य में वृद्धि होती है। विनायक चतुर्थी के मौके पर आपको बताते हैं गणेश जी के उन मंत्रों के बारे में जिनका जाप करने से आप और तरक्की कर सकते हैं।
गणेश जी के मंत्र
1. आपको व्यापार और नौकरी में किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। व्यापार में आमदनी नहीं हो रही है, नौकरी में काम के अनुसार तरक्की और आमदनी नहीं हो रही है, ऐसे में आपको गणेश जी के मंत्र
"ओम श्रीं सौम्यं सौभाग्यं सौभाग्यं गणपतये वर वरद सर्वजनम् मे वशमानय स्वाहा"
का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से नौकरी और व्यापार की परेशानियां दूर हो जाती हैं। कार्य में प्रगति होती है।
2. कड़ी मेहनत के बाद भी यदि आपके जीवन में प्रगति नहीं हो रही है। आर्थिक स्थिति निरंतर खराब होती जा रही है, इसलिए बुधवार या गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा के समय किसी भी गणेश मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए ऐसा करने से आपको निश्चित ही लाभ प्राप्त होगा।
गणेश जी के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है और कार्य में प्रगति होने लगती है। गणेश जी की कृपा से सब कुछ संभव हो जाता है।
गणेश जी की पूजा
विनायक चतुर्थी के दिन सबसे पहले गणेश जी को पीले वस्त्र अर्पित करें। फिर उन्हें फूल,धूप, दीपक, सुगंध, चंदन, फल, 21 दूर्वा और मोदक अर्पित करें। इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें और विनायक चतुर्थी व्रत कथा सुनें। अंत में गणेश जी की आरती के साथ इस पूजा को समाप्त करें।
भगवान गणेश की पूजा करते समय अपने प्रसाद में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करें। गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्ते वर्जित हैं। तुलसी के पत्ते भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाए जाते हैं।
पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या वरद चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। भगवान गणेश को समर्पित इस तिथि पर लोग विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करते हैं और ...
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