संकलन : जया मिश्रा Advocate तिथि : 15-12-2020
आज्ञा चक्र (माथे के मध्य ललाट) पर सुपराट्रोचीलर मांसपेशी होती है, जिसका अर्थ है कि इस बिंदु पर दबाव डालने से त्वचा चमकदार और कोमल होगी और चेहरे की मांशपेशियों में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जिससे मांशपेशियों मे लचीलापन आने पर झुर्रियां कम होती हैं। बार-बार इस बिंदु को उत्तेजित करने से चेहरे की सभी मांसपेशियों मे रक्त प्रवाह संचालित होकर त्वचा को पोषित करती है। बिन्दी या तिलक उपयोग की क्रिया मांसपेशियों की कठोरता को कम करने में मदद करती है एवं त्वचा को स्वस्थ और अधिक समय तक झुर्रियों को मुक्त रखने में मदद करती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, आंखों के बीच की फाइनलाइन्स भी बढ़ती जाती हैं, जो बाद मे झुर्रिओ मे परिवर्तित होती है। इस प्रकार बिंदी या तिलक झुर्रियां को कम रखते हुए आश्चर्यजनक आकर्षण व सुंदरता स्थापित रखता है। रक्त के प्रवाह बढ़ाने के लिए भी माथे पर इसी जगह की मालिश अवश्य करें।
1. तिलक अथवा बिंदी से मस्तिष्क जाग्रत और मन एकाग्र होता है - आज्ञा चक्र पर मस्तिष्क हमेशा जागृत अवस्था मे रहता हैं, आज्ञा चक्र के सक्रिय रहने पर मनुष्य जो शारीरिक आंखों से नहीं ...
सनातनी संस्कृति में बिंदी या तिलक के बिना श्रृंगार पूर्ण नहीं होता है। परम्पराओ में नर नारी दोनो ही बिन्दी या तिलक का उपयोग करते है, नारियो के लिए बिन्दी सुहागन का प्रतीक होता है, ...
भारतीय व सनातनी परम्परा में बिंदी या तिलक के बिना श्रृंगार पूर्ण नहीं होता है। आज्ञा चक्र पर बिंदी/तिलक लगाने का प्राविधान अनादि अथवा प्राचीनतम काल से प्रचलित है। नर-नारी दोनों ही बिंदी और तिलक ...